उनके आशीर्वाद की शीतल छांव में मुस्कुराए ये घर संसार। उनके आशीर्वाद की शीतल छांव में मुस्कुराए ये घर संसार।
परिस्थितिजन्य संघर्ष की मिट्टी में दबकर भी, बीज बनकर उभरने के गुण आपसे सीखे हैं, परिस्थितिजन्य संघर्ष की मिट्टी में दबकर भी, बीज बनकर उभरने के गुण आपसे सीखे हैं,
एक रुपए और चंद अक्षरों ने 'नौ' महीने के कष्ट को बराबर कर दिया। एक रुपए और चंद अक्षरों ने 'नौ' महीने के कष्ट को बराबर कर दिया।
बेटा -बेटी का फर्क भी हमको ही मिटाना है बेटा -बेटी का फर्क भी हमको ही मिटाना है
जब जब तू मेरी आँखों में देखता रहता है तब तब वो पल मेरे लिए प्रपोज़ डे होता है, जब जब त जब जब तू मेरी आँखों में देखता रहता है तब तब वो पल मेरे लिए प्रपोज़ डे होता है, ...
आज था "रोज डे" और वो मेरी ओर, एक असली गुलाब बढ़ा रहा था। आज था "रोज डे" और वो मेरी ओर, एक असली गुलाब बढ़ा रहा था।